शतकत्रयम् — 3.75
Original
Segmented
न अयम् ते समयो रहस्यम् अधुना निद्राति न अथो यदि स्थित्वा द्रक्ष्यति कुप्यति प्रभुः इति द्वारेषु येषाम् वचः चेतस् तान् अपहाय याहि भवनम् देवस्य विश्व-ईशितुः निः दौवारिक-निर्दय-उक्ति-अपरुषम् निः सोम-शर्म-प्रदम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
समयो | समय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रहस्यम् | रहस्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अधुना | अधुना | pos=i |
निद्राति | निद्रा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
अथो | अथो | pos=i |
यदि | यदि | pos=i |
स्थित्वा | स्था | pos=vi |
द्रक्ष्यति | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
कुप्यति | कुप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
द्वारेषु | द्वार | pos=n,g=n,c=7,n=p |
येषाम् | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
चेतस् | चेतस् | pos=n,g=n,c=8,n=s |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अपहाय | अपहा | pos=vi |
याहि | या | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भवनम् | भवन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
देवस्य | देव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विश्व | विश्व | pos=n,comp=y |
ईशितुः | ईशितृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
निः | निः | pos=i |
दौवारिक | दौवारिक | pos=n,comp=y |
निर्दय | निर्दय | pos=a,comp=y |
उक्ति | उक्ति | pos=n,comp=y |
अपरुषम् | अपरुष | pos=a,g=n,c=1,n=s |
निः | निः | pos=i |
सोम | सोम | pos=n,comp=y |
शर्म | शर्मन् | pos=n,comp=y |
प्रदम् | प्रद | pos=a,g=n,c=2,n=s |