शतकत्रयम् — 3.72
Original
Segmented
तस्माद् अनन्तम् अजरम् परमम् विकासि तद् ब्रह्म चिन्तय किम् एभिः असत्-विकल्पैः यस्य अनुषङ्गिन् इमे भुवन-आधिपत्य-भोग-आदयः कृपण-लोक-मताः भवन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
अनन्तम् | अनन्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अजरम् | अजर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
परमम् | परम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
विकासि | विकासिन् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चिन्तय | चिन्तय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एभिः | इदम् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
असत् | असत् | pos=a,comp=y |
विकल्पैः | विकल्प | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अनुषङ्गिन् | अनुषङ्गिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
इमे | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
भुवन | भुवन | pos=n,comp=y |
आधिपत्य | आधिपत्य | pos=n,comp=y |
भोग | भोग | pos=n,comp=y |
आदयः | आदि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कृपण | कृपण | pos=a,comp=y |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
मताः | मन् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |