शतकत्रयम् — 3.71
Original
Segmented
भक्तिः भवे मरण-जन्म-भयम् हृदिस्थम् स्नेहो न बन्धुषु न मन्मथ-जाः विकाराः संसर्ग-दोष-रहिता विजया वनान्ता वैराग्यम् अस्ति किम् इतः परम् अर्थनीयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भक्तिः | भक्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
भवे | भव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मरण | मरण | pos=n,comp=y |
जन्म | जन्मन् | pos=n,comp=y |
भयम् | भय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हृदिस्थम् | हृदिस्थ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
स्नेहो | स्नेह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
बन्धुषु | बन्धु | pos=n,g=m,c=7,n=p |
न | न | pos=i |
मन्मथ | मन्मथ | pos=n,comp=y |
जाः | ज | pos=a,g=m,c=1,n=p |
विकाराः | विकार | pos=n,g=m,c=1,n=p |
संसर्ग | संसर्ग | pos=n,comp=y |
दोष | दोष | pos=n,comp=y |
रहिता | रहित | pos=a,g=f,c=1,n=s |
विजया | विजया | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वनान्ता | वनान्त | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वैराग्यम् | वैराग्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इतः | इतस् | pos=i |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अर्थनीयम् | अर्थ् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |