शतकत्रयम् — 3.54
Original
Segmented
अर्थानाम् ईशिषे त्वम् वयम् अपि च गिराम् ईश्महे यावदर्थम् शूरस् त्वम् वादि-दर्प-व्युपशमन-विधौ अक्षयम् पाटवम् नः सेवन्ते त्वाम् धन-आढ्याः मति-मल-हतया इमाम् अपि श्रोतु-कामाः मयी अपि आस्था न ते चेत् त्वयि मम नितराम् एव राजन्न् अनास्था
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्थानाम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=6,n=p |
ईशिषे | ईश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
च | च | pos=i |
गिराम् | गिर् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
ईश्महे | ईश् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
यावदर्थम् | यावदर्थ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
शूरस् | शूर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
वादि | वादिन् | pos=a,comp=y |
दर्प | दर्प | pos=n,comp=y |
व्युपशमन | व्युपशमन | pos=n,comp=y |
विधौ | विधि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
अक्षयम् | अक्षय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
पाटवम् | पाटव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
सेवन्ते | सेव् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
धन | धन | pos=n,comp=y |
आढ्याः | आढ्य | pos=a,g=m,c=1,n=p |
मति | मति | pos=n,comp=y |
मल | मल | pos=n,comp=y |
हतया | हन् | pos=va,g=f,c=3,n=s,f=part |
इमाम् | इदम् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
श्रोतु | श्रोतु | pos=n,comp=y |
कामाः | काम | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मयी | मय | pos=a,g=f,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
आस्था | आस्था | pos=n,g=f,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
चेत् | चेद् | pos=i |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
नितराम् | नितराम् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
राजन्न् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अनास्था | अनास्था | pos=n,g=f,c=1,n=s |