शतकत्रयम् — 3.53
Original
Segmented
त्वम् राजा वयम् अप्य् उपास्-गुरु-प्रज्ञा-अभिमान-उन्नताः ख्यातस् त्वम् विभवैः यशांसि कवयो दिक्षु प्रतन्वन्ति नः इत्थम् मान-धन-अति दूरम् उभयोः अप्य् आवयोः अन्तरम् यद्य् अस्मासु पराङ्मुखो ऽसि वयम् अप्य् एकान्ततो निःस्पृहाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
अप्य् | अपि | pos=i |
उपास् | उपास् | pos=va,comp=y,f=part |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
प्रज्ञा | प्रज्ञा | pos=n,comp=y |
अभिमान | अभिमान | pos=n,comp=y |
उन्नताः | उन्नम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
ख्यातस् | ख्या | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
विभवैः | विभव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यशांसि | यशस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
कवयो | कवि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
दिक्षु | दिश् | pos=n,g=f,c=7,n=p |
प्रतन्वन्ति | प्रतन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
इत्थम् | इत्थम् | pos=i |
मान | मान | pos=n,comp=y |
धन | धन | pos=n,comp=y |
अति | अति | pos=i |
दूरम् | दूरम् | pos=i |
उभयोः | उभय | pos=a,g=m,c=6,n=d |
अप्य् | अपि | pos=i |
आवयोः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=d |
अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यद्य् | यदि | pos=i |
अस्मासु | मद् | pos=n,g=,c=7,n=p |
पराङ्मुखो | पराङ्मुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽसि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
अप्य् | अपि | pos=i |
एकान्ततो | एकान्ततः | pos=i |
निःस्पृहाः | निःस्पृह | pos=a,g=m,c=1,n=p |