शतकत्रयम् — 3.47
Original
Segmented
न ध्यानम् पदम् ईश्वरस्य विधिवत् संसार-विच्छित्त्यै स्वर्ग-द्वार-कपाट-पाटन-पटुः धर्मो ऽपि न उपार्जितः नारी-पीन-पयोधर-ऊरू-युगलम् स्वप्ने ऽपि न आलिङ्गितम् मातुः केवलम् एव यौवन-वन-छेदे कुठारा वयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
ध्यानम् | ध्यान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पदम् | पद | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ईश्वरस्य | ईश्वर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विधिवत् | विधिवत् | pos=i |
संसार | संसार | pos=n,comp=y |
विच्छित्त्यै | विच्छित्ति | pos=n,g=f,c=4,n=s |
स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
द्वार | द्वार | pos=n,comp=y |
कपाट | कपाट | pos=n,comp=y |
पाटन | पाटन | pos=n,comp=y |
पटुः | पटु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
धर्मो | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
उपार्जितः | उपार्जय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
नारी | नारी | pos=n,comp=y |
पीन | पीन | pos=a,comp=y |
पयोधर | पयोधर | pos=n,comp=y |
ऊरू | ऊरु | pos=n,comp=y |
युगलम् | युगल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्वप्ने | स्वप्न | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
आलिङ्गितम् | आलिङ्गय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
मातुः | मातृ | pos=n,g=f,c=6,n=s |
केवलम् | केवलम् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
यौवन | यौवन | pos=n,comp=y |
वन | वन | pos=n,comp=y |
छेदे | छेद | pos=n,g=m,c=7,n=s |
कुठारा | कुठार | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |