शतकत्रयम् — 3.45
Original
Segmented
आदित्यस्य गतागतैः अहरहः संक्षीयते जीवितम् व्यापारैः बहु-कार्य-भार-गुरुभिः कालो ऽपि न ज्ञायते दृष्ट्वा जन्म-जरा-विपत्ति-मरणम् त्रासः च न उत्पद्यते पीत्वा मोह-मयीम् प्रमाद-मदिराम् उन्मत्त-भूतम् जगत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आदित्यस्य | आदित्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
गतागतैः | गतागत | pos=n,g=n,c=3,n=p |
अहरहः | अहरहर् | pos=i |
संक्षीयते | संक्षि | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जीवितम् | जीवित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
व्यापारैः | व्यापार | pos=n,g=m,c=3,n=p |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
कार्य | कार्य | pos=n,comp=y |
भार | भार | pos=n,comp=y |
गुरुभिः | गुरु | pos=a,g=n,c=3,n=p |
कालो | काल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
ज्ञायते | ज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
जन्म | जन्मन् | pos=n,comp=y |
जरा | जरा | pos=n,comp=y |
विपत्ति | विपत्ति | pos=n,comp=y |
मरणम् | मरण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्रासः | त्रास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
न | न | pos=i |
उत्पद्यते | उत्पद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पीत्वा | पा | pos=vi |
मोह | मोह | pos=n,comp=y |
मयीम् | मय | pos=a,g=f,c=2,n=s |
प्रमाद | प्रमाद | pos=n,comp=y |
मदिराम् | मदिरा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
उन्मत्त | उन्मद् | pos=va,comp=y,f=part |
भूतम् | भू | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
जगत् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=1,n=s |