शतकत्रयम् — 3.41
Original
Segmented
सखे धन्याः केचित् त्रुट्-भव-बन्ध-व्यतिकराः वनान्ते चित्त-अन्तः विषम् शरद्-चन्द्र-ज्योत्स्ना-धवल-गगन-आभोग-सुभगाम् नयन्ते ये रात्रिम् सुकृत-चय-चिन्ता-एक-शरणाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सखे | सखि | pos=n,g=,c=8,n=s |
धन्याः | धन्य | pos=a,g=m,c=1,n=p |
केचित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
त्रुट् | त्रुट् | pos=va,comp=y,f=part |
भव | भव | pos=n,comp=y |
बन्ध | बन्ध | pos=n,comp=y |
व्यतिकराः | व्यतिकर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वनान्ते | वनान्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
चित्त | चित्त | pos=n,comp=y |
अन्तः | अन्तर् | pos=i |
विषम् | विष | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शरद् | शरद् | pos=n,comp=y |
चन्द्र | चन्द्र | pos=n,comp=y |
ज्योत्स्ना | ज्योत्स्ना | pos=n,comp=y |
धवल | धवल | pos=a,comp=y |
गगन | गगन | pos=n,comp=y |
आभोग | आभोग | pos=n,comp=y |
सुभगाम् | सुभग | pos=a,g=f,c=2,n=s |
नयन्ते | नी | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
रात्रिम् | रात्रि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सुकृत | सुकृत | pos=n,comp=y |
चय | चय | pos=n,comp=y |
चिन्ता | चिन्ता | pos=n,comp=y |
एक | एक | pos=n,comp=y |
शरणाः | शरण | pos=n,g=m,c=1,n=p |