शतकत्रयम् — 3.28
Original
Segmented
फलम् स्व-इच्छा-लभ्यम् प्रतिवनम् अखेदम् क्षितिरुहाम् पयः स्थाने स्थाने शिशिर-मधुरम् पुण्य-सरिताम् मृदु-स्पर्शा शय्या सु ललित-लता-पल्लव-मयी सहन्ते सन्तापम् तद् अपि धनिनाम् द्वारि कृपणाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
इच्छा | इच्छा | pos=n,comp=y |
लभ्यम् | लभ् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
प्रतिवनम् | प्रतिवनम् | pos=i |
अखेदम् | अखेद | pos=a,g=n,c=1,n=s |
क्षितिरुहाम् | क्षितिरुह् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
पयः | पयस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्थाने | स्थान | pos=n,g=n,c=7,n=s |
स्थाने | स्थान | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शिशिर | शिशिर | pos=a,comp=y |
मधुरम् | मधुर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
सरिताम् | सरित् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
मृदु | मृदु | pos=a,comp=y |
स्पर्शा | स्पर्श | pos=n,g=f,c=1,n=s |
शय्या | शय्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सु | सु | pos=i |
ललित | लल् | pos=va,comp=y,f=part |
लता | लता | pos=n,comp=y |
पल्लव | पल्लव | pos=n,comp=y |
मयी | मय | pos=a,g=f,c=1,n=s |
सहन्ते | सह् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
सन्तापम् | संताप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
धनिनाम् | धनिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
द्वारि | द्वार् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
कृपणाः | कृपण | pos=a,g=m,c=1,n=p |