शतकत्रयम् — 3.27
Original
Segmented
पुण्यैः मूल-फलैः तथा प्रणयिनीम् वृत्तिम् कुरुष्व अधुना भू-शय्याम् नव-पल्लवैः अ कृपणैः उत्तिष्ठ यावो वनम् क्षुद्राणाम् अविवेक-मूढ-मनसाम् यत्र ईश्वराणाम् सदा वित्त-व्याधि-विकार-विह्वल-गिः नाम अपि न श्रूयते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पुण्यैः | पुण्य | pos=a,g=n,c=3,n=p |
मूल | मूल | pos=n,comp=y |
फलैः | फल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
तथा | तथा | pos=i |
प्रणयिनीम् | प्रणयिन् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
कुरुष्व | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
अधुना | अधुना | pos=i |
भू | भू | pos=n,comp=y |
शय्याम् | शय्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
नव | नव | pos=a,comp=y |
पल्लवैः | पल्लव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अ | अ | pos=i |
कृपणैः | कृपण | pos=a,g=m,c=3,n=p |
उत्तिष्ठ | उत्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
यावो | या | pos=v,p=1,n=d,l=lat |
वनम् | वन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
क्षुद्राणाम् | क्षुद्र | pos=a,g=m,c=6,n=p |
अविवेक | अविवेक | pos=n,comp=y |
मूढ | मुह् | pos=va,comp=y,f=part |
मनसाम् | मनस् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
यत्र | यत्र | pos=i |
ईश्वराणाम् | ईश्वर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
सदा | सदा | pos=i |
वित्त | वित्त | pos=n,comp=y |
व्याधि | व्याधि | pos=n,comp=y |
विकार | विकार | pos=n,comp=y |
विह्वल | विह्वल | pos=a,comp=y |
गिः | गिर् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
नाम | नामन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
श्रूयते | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |