शतकत्रयम् — 3.26
Original
Segmented
किम् कन्दाः कन्दरेभ्यः प्रलयम् उपगता निर्झरा वा गिरिभ्यः प्रध्वस्ता वा तरुभ्यः सरस-गल-भृतः वल्कलिन्यः च शाखाः वीक्ष्यन्ते यन् मुखानि प्रसभम् अपगत-प्रश्रयानाम् खलानाम् दुःख-आप्त-स्वल्प-वित्त-स्मय-पवन-वश-आनर्तय्-भ्रू-लता
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किम् | किम् | pos=i |
कन्दाः | कन्द | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कन्दरेभ्यः | कन्दर | pos=n,g=m,c=5,n=p |
प्रलयम् | प्रलय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपगता | उपगम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
निर्झरा | निर्झर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वा | वा | pos=i |
गिरिभ्यः | गिरि | pos=n,g=m,c=5,n=p |
प्रध्वस्ता | प्रध्वंस् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
वा | वा | pos=i |
तरुभ्यः | तरु | pos=n,g=m,c=5,n=p |
सरस | सरस | pos=a,comp=y |
गल | गल | pos=n,comp=y |
भृतः | भृत् | pos=a,g=f,c=1,n=p |
वल्कलिन्यः | वल्कलिन् | pos=a,g=f,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
शाखाः | शाखा | pos=n,g=f,c=1,n=p |
वीक्ष्यन्ते | वीक्ष् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
यन् | यत् | pos=i |
मुखानि | मुख | pos=n,g=n,c=1,n=p |
प्रसभम् | प्रसभम् | pos=i |
अपगत | अपगम् | pos=va,comp=y,f=part |
प्रश्रयानाम् | प्रश्रय | pos=n,g=m,c=6,n=p |
खलानाम् | खल | pos=n,g=m,c=6,n=p |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
आप्त | आप् | pos=va,comp=y,f=part |
स्वल्प | स्वल्प | pos=a,comp=y |
वित्त | वित्त | pos=n,comp=y |
स्मय | स्मय | pos=n,comp=y |
पवन | पवन | pos=n,comp=y |
वश | वश | pos=n,comp=y |
आनर्तय् | आनर्तय् | pos=va,comp=y,f=part |
भ्रू | भ्रू | pos=n,comp=y |
लता | लता | pos=n,g=n,c=1,n=p |