Original

दीना दीनमुखैः सदैव शिशुकैराकृष्टजीर्णाम्बराक्रोशद्भिः क्षुधितैर् निरन्नविधुरा दृश्या न चेद् गेहिनी ।याच्ञाभङ्गभयेन गद्गदगलत्रुट्यद्विलीनाक्षरंको देहीति वदेत् स्वदग्धजठरस्यार्थे मनस्वी पुमान् ॥ २१ ॥

Segmented

दीना दीन-मुखैः सदा एव शिशुकैः आकृष्ट-जीर्ण-अम्बरा क्रोशद्भिः क्षुधितैः निरन्न-विधुरा दृश्या न चेद् गेहिनी याच्ञा-भङ्ग-भयेन गद्गद-गल-त्रुट्-विलीन-अक्षरम् को देहि इति वदेत् स्व-दग्ध-जठरस्य अर्थे मनस्वी पुमान्

Analysis

Word Lemma Parse
दीना दीन pos=a,g=f,c=1,n=s
दीन दीन pos=a,comp=y
मुखैः मुख pos=n,g=m,c=3,n=p
सदा सदा pos=i
एव एव pos=i
शिशुकैः शिशुक pos=n,g=m,c=3,n=p
आकृष्ट आकृष् pos=va,comp=y,f=part
जीर्ण जृ pos=va,comp=y,f=part
अम्बरा अम्बर pos=n,g=f,c=1,n=s
क्रोशद्भिः क्रुश् pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part
क्षुधितैः क्षुध् pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part
निरन्न निरन्न pos=a,comp=y
विधुरा विधुर pos=a,g=f,c=1,n=s
दृश्या दृश् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya
pos=i
चेद् चेद् pos=i
गेहिनी गेहिनी pos=n,g=f,c=1,n=s
याच्ञा याच्ञा pos=n,comp=y
भङ्ग भङ्ग pos=n,comp=y
भयेन भय pos=n,g=n,c=3,n=s
गद्गद गद्गद pos=a,comp=y
गल गल pos=n,comp=y
त्रुट् त्रुट् pos=va,comp=y,f=part
विलीन विली pos=va,comp=y,f=part
अक्षरम् अक्षर pos=n,g=n,c=2,n=s
को pos=n,g=m,c=1,n=s
देहि दा pos=v,p=2,n=s,l=lot
इति इति pos=i
वदेत् वद् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
स्व स्व pos=a,comp=y
दग्ध दग्ध pos=a,comp=y
जठरस्य जठर pos=n,g=n,c=6,n=s
अर्थे अर्थ pos=n,g=m,c=7,n=s
मनस्वी मनस्विन् pos=a,g=m,c=1,n=s
पुमान् पुंस् pos=n,g=m,c=1,n=s