शतकत्रयम् — 3.2
Original
Segmented
भ्रान्तम् देशम् अनेक-दुर्ग-विषमम् प्राप्तम् न किंचित् फलम् त्यक्त्वा जाति-कुल-अभिमानम् उचितम् सेवा कृता निष्फला भुक्तम् मान-विवर्जितम् पर-गृहेषु आशङ्कया काक-वत् तृष्णे जृम्भसि पाप-कर्म-पिशुने न अद्य अपि संतुष्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भ्रान्तम् | भ्रम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
देशम् | देश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अनेक | अनेक | pos=a,comp=y |
दुर्ग | दुर्ग | pos=n,comp=y |
विषमम् | विषम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
प्राप्तम् | प्राप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
त्यक्त्वा | त्यज् | pos=vi |
जाति | जाति | pos=n,comp=y |
कुल | कुल | pos=n,comp=y |
अभिमानम् | अभिमान | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उचितम् | उचित | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सेवा | सेवा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
कृता | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
निष्फला | निष्फल | pos=a,g=f,c=1,n=s |
भुक्तम् | भुज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
मान | मान | pos=n,comp=y |
विवर्जितम् | विवर्जय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
पर | पर | pos=n,comp=y |
गृहेषु | गृह | pos=n,g=n,c=7,n=p |
आशङ्कया | आशङ्का | pos=n,g=f,c=3,n=s |
काक | काक | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
तृष्णे | तृष्णा | pos=n,g=f,c=8,n=s |
जृम्भसि | जृम्भ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
पाप | पाप | pos=a,comp=y |
कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
पिशुने | पिशुन | pos=a,g=f,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
अद्य | अद्य | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
संतुष्यसि | संतुष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |