शतकत्रयम् — 3.17
Original
Segmented
स्तनौ मांस-ग्रन्थि कनक-कलशा इत्य् उपमिती मुखम् श्लेष्म-आगारम् तद् अपि च शशाङ्केन तुलितम् स्रवत्-मूत्र-क्लिन्नम् करि-वर-शिर-स्पर्धिन् जघनम् मुहुः निन्द्यम् रूपम् कवि-जन-विशेषैः गुरु-कृतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्तनौ | स्तन | pos=n,g=m,c=1,n=d |
मांस | मांस | pos=n,comp=y |
ग्रन्थि | ग्रन्थि | pos=n,g=m,c=1,n=d |
कनक | कनक | pos=n,comp=y |
कलशा | कलश | pos=n,g=m,c=1,n=d |
इत्य् | इति | pos=i |
उपमिती | उपमिति | pos=n,g=f,c=1,n=d |
मुखम् | मुख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
श्लेष्म | श्लेष्मन् | pos=n,comp=y |
आगारम् | आगार | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
च | च | pos=i |
शशाङ्केन | शशाङ्क | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तुलितम् | तुलय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
स्रवत् | स्रु | pos=va,comp=y,f=part |
मूत्र | मूत्र | pos=n,comp=y |
क्लिन्नम् | क्लिद् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
करि | करिन् | pos=n,comp=y |
वर | वर | pos=a,comp=y |
शिर | शिर | pos=n,comp=y |
स्पर्धिन् | स्पर्धिन् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
जघनम् | जघन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मुहुः | मुहुर् | pos=i |
निन्द्यम् | निन्द् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
रूपम् | रूप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कवि | कवि | pos=n,comp=y |
जन | जन | pos=n,comp=y |
विशेषैः | विशेष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
गुरु | गुरु | pos=a,comp=y |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |