शतकत्रयम् — 3.15
Original
Segmented
धन्यानाम् गिरि-कन्दरेषु वसताम् ज्योतिः परम् ध्यायताम् आनन्द-अश्रु जलम् पिबन्ति शकुना निःशङ्कम् अङ्केशयाः अस्माकम् तु मनोरथ-उपरचय्-प्रासाद-वापी-तट-क्रीडा-कानन-केलि-कौतुक-जुषाम् आयुः परम् क्षीयते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धन्यानाम् | धन्य | pos=a,g=m,c=6,n=p |
गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
कन्दरेषु | कन्दर | pos=n,g=n,c=7,n=p |
वसताम् | वस् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
ज्योतिः | ज्योतिस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ध्यायताम् | ध्या | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
आनन्द | आनन्द | pos=n,comp=y |
अश्रु | अश्रु | pos=n,g=n,c=2,n=s |
जलम् | जल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पिबन्ति | पा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
शकुना | शकुन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
निःशङ्कम् | निःशङ्क | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अङ्केशयाः | अङ्केशय | pos=a,g=m,c=1,n=p |
अस्माकम् | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
तु | तु | pos=i |
मनोरथ | मनोरथ | pos=n,comp=y |
उपरचय् | उपरचय् | pos=va,comp=y,f=part |
प्रासाद | प्रासाद | pos=n,comp=y |
वापी | वापी | pos=n,comp=y |
तट | तट | pos=n,comp=y |
क्रीडा | क्रीडा | pos=n,comp=y |
कानन | कानन | pos=n,comp=y |
केलि | केलि | pos=n,comp=y |
कौतुक | कौतुक | pos=n,comp=y |
जुषाम् | जुष् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
आयुः | आयुस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
क्षीयते | क्षि | pos=v,p=3,n=s,l=lat |