शतकत्रयम् — 3.12
Original
Segmented
न संसार-उत्पन्नम् चरितम् अनुपश्यामि कुशलम् विपाकः पुण्यानाम् जनयति भयम् मे विमृशतः महद्भिः पुण्य-ओघैः चिर-परिगृहीताः च विषया महान्तो जायन्ते व्यसनम् इव दातुम् विषयिणाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
संसार | संसार | pos=n,comp=y |
उत्पन्नम् | उत्पद् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
चरितम् | चरित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अनुपश्यामि | अनुपश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कुशलम् | कुशल | pos=a,g=n,c=2,n=s |
विपाकः | विपाक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुण्यानाम् | पुण्य | pos=a,g=n,c=6,n=p |
जनयति | जनय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भयम् | भय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
विमृशतः | विमृश् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
महद्भिः | महत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
ओघैः | ओघ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
चिर | चिर | pos=a,comp=y |
परिगृहीताः | परिग्रह् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
विषया | विषय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
महान्तो | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
जायन्ते | जन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
व्यसनम् | व्यसन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
दातुम् | दा | pos=vi |
विषयिणाम् | विषयिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |