शतकत्रयम् — 3.107
Original
Segmented
त्रैलोक्य-अधिपति-त्वम् एव विरसम् यस्मिन् महा-शासने तत् लब्ध्वा आसन-वस्त्र-मान-घटने भोगे रतिम् मा कृथाः भोगः को ऽपि स एक एव परमो नित्य-उदिताः जृम्भणे यद्-स्वादात् विरसा भवन्ति विषयास् त्रैलोक्य-राज्य-आदयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्रैलोक्य | त्रैलोक्य | pos=n,comp=y |
अधिपति | अधिपति | pos=n,comp=y |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
विरसम् | विरस | pos=a,g=n,c=1,n=s |
यस्मिन् | यद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
शासने | शासन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
लब्ध्वा | लभ् | pos=vi |
आसन | आसन | pos=n,comp=y |
वस्त्र | वस्त्र | pos=n,comp=y |
मान | मान | pos=n,comp=y |
घटने | घटन | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भोगे | भोग | pos=n,g=m,c=7,n=s |
रतिम् | रति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मा | मा | pos=i |
कृथाः | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug |
भोगः | भोग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एक | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
परमो | परम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नित्य | नित्य | pos=a,comp=y |
उदिताः | उदि | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
जृम्भणे | जृम्भण | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यद् | यद् | pos=n,comp=y |
स्वादात् | स्वाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
विरसा | विरस | pos=a,g=m,c=1,n=p |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
विषयास् | विषय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
त्रैलोक्य | त्रैलोक्य | pos=n,comp=y |
राज्य | राज्य | pos=n,comp=y |
आदयः | आदि | pos=n,g=m,c=1,n=p |