शतकत्रयम् — 3.101
Original
Segmented
भिक्षा-आशी जन-मध्य-सङ्ग-रहितः स्व-आयत्त-चेष्टः सदा हान-आदान-विरक्त-मार्ग-निरतः कश्चित् तपस्वी स्थितः रथ्या-आकीर्ण-विशीर्ण-जीर्ण-वसनः सम्प्राप्त-कन्था-आसनः निर्मानो निरहंकृतिः शम-सुख-आभोग-एक-बद्ध-स्पृहः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भिक्षा | भिक्षा | pos=n,comp=y |
आशी | आशिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
जन | जन | pos=n,comp=y |
मध्य | मध्य | pos=n,comp=y |
सङ्ग | सङ्ग | pos=n,comp=y |
रहितः | रहित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
आयत्त | आयत् | pos=va,comp=y,f=part |
चेष्टः | चेष्टा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
हान | हान | pos=n,comp=y |
आदान | आदान | pos=n,comp=y |
विरक्त | विरञ्ज् | pos=va,comp=y,f=part |
मार्ग | मार्ग | pos=n,comp=y |
निरतः | निरम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
कश्चित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तपस्वी | तपस्विन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्थितः | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
रथ्या | रथ्या | pos=n,comp=y |
आकीर्ण | आकृ | pos=va,comp=y,f=part |
विशीर्ण | विशृ | pos=va,comp=y,f=part |
जीर्ण | जृ | pos=va,comp=y,f=part |
वसनः | वसन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सम्प्राप्त | सम्प्राप् | pos=va,comp=y,f=part |
कन्था | कन्था | pos=n,comp=y |
आसनः | आसन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
निर्मानो | निर्मान | pos=a,g=m,c=1,n=s |
निरहंकृतिः | निरहंकृति | pos=a,g=m,c=1,n=s |
शम | शम | pos=n,comp=y |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
आभोग | आभोग | pos=n,comp=y |
एक | एक | pos=n,comp=y |
बद्ध | बन्ध् | pos=va,comp=y,f=part |
स्पृहः | स्पृहा | pos=n,g=m,c=1,n=s |