शतकत्रयम् — 2.81
Original
Segmented
स्त्री-मुद्राम् कुसुमायुधस्य जयिनीम् सर्व-अर्थ-संपद्-करीम् ये मूढाः प्रविहाय यान्ति कुधियो मिथ्या फल-अन्वेषिन् ते तेन एव निहत्य निर्दयतरम् नग्नीकृता मुण्डिताः केचित् पञ्चशिखीकृताः च जटिलाः कापालिकाः च अपरे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्त्री | स्त्री | pos=n,comp=y |
मुद्राम् | मुद्रा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
कुसुमायुधस्य | कुसुमायुध | pos=n,g=m,c=6,n=s |
जयिनीम् | जयिन् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
संपद् | सम्पद् | pos=n,comp=y |
करीम् | कर | pos=a,g=f,c=2,n=s |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मूढाः | मुह् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
प्रविहाय | प्रविहा | pos=vi |
यान्ति | या | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
कुधियो | कुधी | pos=a,g=m,c=1,n=p |
मिथ्या | मिथ्या | pos=i |
फल | फल | pos=n,comp=y |
अन्वेषिन् | अन्वेषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तेन | तेन | pos=i |
एव | एव | pos=i |
निहत्य | निहन् | pos=vi |
निर्दयतरम् | निर्दयतर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
नग्नीकृता | नग्नीकृ | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
मुण्डिताः | मुण्डय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
केचित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पञ्चशिखीकृताः | पञ्चशिखीकृ | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
जटिलाः | जटिल | pos=a,g=m,c=1,n=p |
कापालिकाः | कापालिक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
अपरे | अपर | pos=n,g=m,c=1,n=p |