शतकत्रयम् — 2.8
Original
Segmented
एताः चलत्-वलय-संहति-मेखला-उत्थ-झङ्कार-नूपुर-पराजि-राजहंसी कुर्वन्ति कस्य न मनो विवशम् तरुण्यो वित्रस्त-मूढ-हरिणी-सदृशैः कटाक्षैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एताः | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
चलत् | चल् | pos=va,comp=y,f=part |
वलय | वलय | pos=n,comp=y |
संहति | संहति | pos=n,comp=y |
मेखला | मेखला | pos=n,comp=y |
उत्थ | उत्थ | pos=a,comp=y |
झङ्कार | झङ्कार | pos=n,comp=y |
नूपुर | नूपुर | pos=n,comp=y |
पराजि | पराजि | pos=va,comp=y,f=part |
राजहंसी | राजहंसी | pos=n,g=f,c=1,n=p |
कुर्वन्ति | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
कस्य | क | pos=n,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
मनो | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विवशम् | विवश | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तरुण्यो | तरुण | pos=a,g=f,c=1,n=p |
वित्रस्त | वित्रस् | pos=va,comp=y,f=part |
मूढ | मुह् | pos=va,comp=y,f=part |
हरिणी | हरिणी | pos=n,comp=y |
सदृशैः | सदृश | pos=a,g=m,c=3,n=p |
कटाक्षैः | कटाक्ष | pos=n,g=m,c=3,n=p |