शतकत्रयम् — 2.72
Original
Segmented
तावद् एव कृतिनाम् अपि स्फुरति एष निर्मल-विवेक-दीपकः यावद् एव न कुरङ्ग-चक्षुस् ताड्यते चटुल-लोचन-अञ्चलैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तावद् | तावत् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
कृतिनाम् | कृतिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
स्फुरति | स्फुर् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
निर्मल | निर्मल | pos=a,comp=y |
विवेक | विवेक | pos=n,comp=y |
दीपकः | दीपक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यावद् | यावत् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
न | न | pos=i |
कुरङ्ग | कुरङ्ग | pos=n,comp=y |
चक्षुस् | चक्षुस् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
ताड्यते | ताडय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
चटुल | चटुल | pos=a,comp=y |
लोचन | लोचन | pos=n,comp=y |
अञ्चलैः | अञ्चल | pos=n,g=m,c=3,n=p |