शतकत्रयम् — 2.71
Original
Segmented
यदा आसीत् अज्ञानम् स्मर-तिमिर-संचार-जनितम् तदा दृष्ट-नारी-मयम् इदम् अशेषम् जगद् इति इदानीम् अस्माकम् पटुतर-विवेक-अञ्जन-जुषाम् समीभूता दृष्टिस् त्रिभुवनम् अपि ब्रह्म मनुते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
आसीत् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
अज्ञानम् | अज्ञान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्मर | स्मर | pos=n,comp=y |
तिमिर | तिमिर | pos=n,comp=y |
संचार | संचार | pos=n,comp=y |
जनितम् | जनय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तदा | तदा | pos=i |
दृष्ट | दृश् | pos=va,comp=y,f=part |
नारी | नारी | pos=n,comp=y |
मयम् | मय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अशेषम् | अशेष | pos=a,g=n,c=1,n=s |
जगद् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
इदानीम् | इदानीम् | pos=i |
अस्माकम् | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
पटुतर | पटुतर | pos=a,comp=y |
विवेक | विवेक | pos=n,comp=y |
अञ्जन | अञ्जन | pos=n,comp=y |
जुषाम् | जुष् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
समीभूता | समीभू | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
दृष्टिस् | दृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
त्रिभुवनम् | त्रिभुवन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मनुते | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |