शतकत्रयम् — 2.59
Original
Segmented
न गम्यो मन्त्राणाम् न च भवति भैषज्य-विषयः न च अपि प्रध्वंसम् व्रजति विविधैः शान्तिक-शतैः भ्रम-आवेशात् अङ्गे कम् अपि विदधद् भङ्गम् असकृत् स्मर-अपस्मारः ऽयम् भ्रमयति दृशम् घूर्णयति च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
गम्यो | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
मन्त्राणाम् | मन्त्र | pos=n,g=m,c=6,n=p |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भैषज्य | भैषज्य | pos=n,comp=y |
विषयः | विषय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
प्रध्वंसम् | प्रध्वंस | pos=n,g=m,c=2,n=s |
व्रजति | व्रज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विविधैः | विविध | pos=a,g=n,c=3,n=p |
शान्तिक | शान्तिक | pos=n,comp=y |
शतैः | शत | pos=n,g=n,c=3,n=p |
भ्रम | भ्रम | pos=n,comp=y |
आवेशात् | आवेश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
अङ्गे | अङ्ग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कम् | क | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
विदधद् | विधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
भङ्गम् | भङ्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
असकृत् | असकृत् | pos=i |
स्मर | स्मर | pos=n,comp=y |
अपस्मारः | अपस्मार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भ्रमयति | भ्रमय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दृशम् | दृश् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
घूर्णयति | घूर्णय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |