शतकत्रयम् — 2.43
Original
Segmented
स्मृता भवति तापाय दृष्टा च उन्माद-कारिणी स्पृष्टा भवति मोहाय सा नाम दयिता कथम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्मृता | स्मृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तापाय | ताप | pos=n,g=m,c=4,n=s |
दृष्टा | दृश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
उन्माद | उन्माद | pos=n,comp=y |
कारिणी | कारिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
स्पृष्टा | स्पृश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मोहाय | मोह | pos=n,g=m,c=4,n=s |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
नाम | नाम | pos=i |
दयिता | दयिता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |