शतकत्रयम् — 2.25
Original
Segmented
उरसि निपतितानाम् स्रस्त-धम्मिल्लकानाम् मुकुलय्-नयनानाम् किंचिद् उन्मीलितानाम् उपरि सुरत-खेद-स्विद्-गण्ड-स्थलानाम् अधर-मधु वधूनाम् भाग्यवन्तः पिबन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उरसि | उरस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निपतितानाम् | निपत् | pos=va,g=f,c=6,n=p,f=part |
स्रस्त | स्रंस् | pos=va,comp=y,f=part |
धम्मिल्लकानाम् | धम्मिल्लक | pos=n,g=f,c=6,n=p |
मुकुलय् | मुकुलय् | pos=va,comp=y,f=part |
नयनानाम् | नयन | pos=n,g=f,c=6,n=p |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उन्मीलितानाम् | उन्मील् | pos=va,g=f,c=6,n=p,f=part |
उपरि | उपरि | pos=i |
सुरत | सुरत | pos=n,comp=y |
खेद | खेद | pos=n,comp=y |
स्विद् | स्विद् | pos=va,comp=y,f=part |
गण्ड | गण्ड | pos=n,comp=y |
स्थलानाम् | स्थल | pos=n,g=f,c=6,n=p |
अधर | अधर | pos=n,comp=y |
मधु | मधु | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वधूनाम् | वधू | pos=n,g=f,c=6,n=p |
भाग्यवन्तः | भाग्यवत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
पिबन्ति | पा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |