शतकत्रयम् — 2.19
Original
Segmented
इमे तारुण्य-श्री-नव-परिमलाः प्रौढ-सुरत-प्रताप-प्रारम्भाः स्मर-विजय-दान-प्रतिभू चिरम् चेतः चोरा अभिनव-विकार-एक-गुरवः विलास-व्यापाराः किम् अपि विजयन्ते मृग-दृशाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इमे | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तारुण्य | तारुण्य | pos=n,comp=y |
श्री | श्री | pos=n,comp=y |
नव | नव | pos=a,comp=y |
परिमलाः | परिमल | pos=n,g=m,c=1,n=p |
प्रौढ | प्रौढ | pos=a,comp=y |
सुरत | सुरत | pos=n,comp=y |
प्रताप | प्रताप | pos=n,comp=y |
प्रारम्भाः | प्रारम्भ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
स्मर | स्मर | pos=n,comp=y |
विजय | विजय | pos=n,comp=y |
दान | दान | pos=n,comp=y |
प्रतिभू | प्रतिभू | pos=n,g=m,c=1,n=p |
चिरम् | चिरम् | pos=i |
चेतः | चेतस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चोरा | चोर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
अभिनव | अभिनव | pos=a,comp=y |
विकार | विकार | pos=n,comp=y |
एक | एक | pos=n,comp=y |
गुरवः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विलास | विलास | pos=n,comp=y |
व्यापाराः | व्यापार | pos=n,g=m,c=1,n=p |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
विजयन्ते | विजि | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
मृग | मृग | pos=n,comp=y |
दृशाम् | दृश् | pos=n,g=f,c=6,n=p |