शतकत्रयम् — 2.103
Original
Segmented
यद्य् अस्य न अस्ति रुचिरम् तस्मिंस् तस्य स्पृहा मनोज्ञे ऽपि रमणीये ऽपि सुधांशौ न मनः-कामः सरोजिन्याः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद्य् | यदि | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
रुचिरम् | रुचिर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
तस्मिंस् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
स्पृहा | स्पृहा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
मनोज्ञे | मनोज्ञ | pos=a,g=m,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
रमणीये | रमणीय | pos=a,g=m,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
सुधांशौ | सुधांशु | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
मनः | मनस् | pos=n,comp=y |
कामः | काम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सरोजिन्याः | सरोजिनी | pos=n,g=f,c=6,n=s |