शतकत्रयम् — 1.88
Original
Segmented
नेता यस्य बृहस्पतिः प्रहरणम् वज्रम् सुराः सैनिकाः स्वर्गो दुर्गम् अनुग्रहः किल हरेः ऐरावतो वारणः इत्य् ऐश्वर्य-बल-अन्वितः ऽपि बलभिद् भग्नः परैः सङ्गरे तद् व्यक्तम् ननु दैवम् एव शरणम् धिग् धिग् वृथा पौरुषम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नेता | नेतृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
बृहस्पतिः | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रहरणम् | प्रहरण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वज्रम् | वज्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सुराः | सुर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सैनिकाः | सैनिक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
स्वर्गो | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दुर्गम् | दुर्ग | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अनुग्रहः | अनुग्रह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
किल | किल | pos=i |
हरेः | हरि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ऐरावतो | ऐरावत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वारणः | वारण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इत्य् | इति | pos=i |
ऐश्वर्य | ऐश्वर्य | pos=n,comp=y |
बल | बल | pos=n,comp=y |
अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
बलभिद् | बलभिद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भग्नः | भञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
परैः | पर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सङ्गरे | संगर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
व्यक्तम् | व्यक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
ननु | ननु | pos=i |
दैवम् | दैव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
शरणम् | शरण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
धिग् | धिक् | pos=i |
धिग् | धिक् | pos=i |
वृथा | वृथा | pos=i |
पौरुषम् | पौरुष | pos=n,g=n,c=1,n=s |