शतकत्रयम् — 1.79
Original
Segmented
मनसि वचसि काये पुण्य-पीयूष-पूर्णाः त्रिभुवनम् उपकार-श्रेणि प्रीणयन्तः पर-गुण-परमाणून् पर्वतीकृत्य नित्यम् निज-हृदि विकसन्तः सन्तः सन्तः कियन्तः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मनसि | मनस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
वचसि | वचस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
काये | काय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
पीयूष | पीयूष | pos=n,comp=y |
पूर्णाः | पृ | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
त्रिभुवनम् | त्रिभुवन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उपकार | उपकार | pos=n,comp=y |
श्रेणि | श्रेणि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
प्रीणयन्तः | प्रीणय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
पर | पर | pos=n,comp=y |
गुण | गुण | pos=n,comp=y |
परमाणून् | परमाणु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पर्वतीकृत्य | पर्वतीकृ | pos=vi |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
निज | निज | pos=a,comp=y |
हृदि | हृद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
विकसन्तः | विकस् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
सन्तः | अस् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
सन्तः | सत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
कियन्तः | कियत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |