शतकत्रयम् — 1.78
Original
Segmented
तृष्णाम् छिन्द्धि भज क्षमाम् जहि मदम् पापे रतिम् मा कृथाः सत्यम् ब्रूह्य् अनुयाहि साधु-पदवीम् सेवस्व विद्वस्-जनम् मान्यान् मानय विद्विषो ऽप्य् अनुनय प्रख्यापय प्रश्रयम् कीर्तिम् पालय दुःखिते कुरु दयाम् एतत् सताम् चेष्टितम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तृष्णाम् | तृष्णा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
छिन्द्धि | छिद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भज | भज् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
क्षमाम् | क्षमा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
जहि | हा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मदम् | मद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पापे | पाप | pos=n,g=n,c=7,n=s |
रतिम् | रति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मा | मा | pos=i |
कृथाः | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug |
सत्यम् | सत्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ब्रूह्य् | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
अनुयाहि | अनुया | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
साधु | साधु | pos=a,comp=y |
पदवीम् | पदवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सेवस्व | सेव् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
विद्वस् | विद्वस् | pos=a,comp=y |
जनम् | जन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मान्यान् | मन् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=krtya |
मानय | मानय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
विद्विषो | विद्विष् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
ऽप्य् | अपि | pos=i |
अनुनय | अनुनी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
प्रख्यापय | प्रख्यापय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
प्रश्रयम् | प्रश्रय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कीर्तिम् | कीर्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
पालय | पालय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
दुःखिते | दुःखित | pos=a,g=m,c=7,n=s |
कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
दयाम् | दया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सताम् | सत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
चेष्टितम् | चेष्टित | pos=n,g=n,c=1,n=s |