शतकत्रयम् — 1.75
Original
Segmented
एके सत्-पुरुषाः पर-अर्थ-घटकाः स्व-अर्थम् परित्यजन्ति ये सामान्यास् तु पर-अर्थम् उद्यम-भृतः स्व-अर्थ-अविरोधेन ये ते ऽमी मानुष-राक्षसाः पर-हितम् स्व-अर्थाय निघ्नन्ति ये ये तु घ्नन्ति निरर्थकम् पर-हितम् ते के न जानीमहे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एके | एक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सत् | सत् | pos=a,comp=y |
पुरुषाः | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पर | पर | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
घटकाः | घटक | pos=a,g=m,c=1,n=p |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
परित्यजन्ति | परित्यज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सामान्यास् | सामान्य | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तु | तु | pos=i |
पर | पर | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उद्यम | उद्यम | pos=n,comp=y |
भृतः | भृत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
अविरोधेन | अविरोध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽमी | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मानुष | मानुष | pos=a,comp=y |
राक्षसाः | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पर | पर | pos=n,comp=y |
हितम् | हित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
अर्थाय | अर्थ | pos=n,g=m,c=4,n=s |
निघ्नन्ति | निहन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तु | तु | pos=i |
घ्नन्ति | हन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
निरर्थकम् | निरर्थक | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पर | पर | pos=n,comp=y |
हितम् | हित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
के | क | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न | न | pos=i |
जानीमहे | ज्ञा | pos=v,p=1,n=p,l=lat |