शतकत्रयम् — 1.70
Original
Segmented
नम्र-त्वेन उन्नम् पर-गुण-कथनैः स्वान् गुणान् ख्यापयन्तः स्व-अर्थान् सम्पादयन्तो वितत-पृथुतर-आरम्भ-यत्नाः पर-अर्थे क्षान्त्या एव आक्षेप-रुक्ष-अक्षर-मुखर-मुखान् दुर्जनान् दूषयन्तः सन्तः स आश्चर्य-चर्या जगति बहु-मताः कस्य न अभ्यर्च्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नम्र | नम्र | pos=a,comp=y |
त्वेन | त्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
उन्नम् | उन्नम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
पर | पर | pos=n,comp=y |
गुण | गुण | pos=n,comp=y |
कथनैः | कथन | pos=n,g=n,c=3,n=p |
स्वान् | स्व | pos=a,g=m,c=2,n=p |
गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
ख्यापयन्तः | ख्यापय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
अर्थान् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सम्पादयन्तो | सम्पादय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
वितत | वितन् | pos=va,comp=y,f=part |
पृथुतर | पृथुतर | pos=a,comp=y |
आरम्भ | आरम्भ | pos=n,comp=y |
यत्नाः | यत्न | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पर | पर | pos=n,comp=y |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
क्षान्त्या | क्षान्ति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
एव | एव | pos=i |
आक्षेप | आक्षेप | pos=n,comp=y |
रुक्ष | रुक्ष | pos=n,comp=y |
अक्षर | अक्षर | pos=n,comp=y |
मुखर | मुखर | pos=a,comp=y |
मुखान् | मुख | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दुर्जनान् | दुर्जन | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दूषयन्तः | दूषय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
सन्तः | सत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
स | स | pos=i |
आश्चर्य | आश्चर्य | pos=n,comp=y |
चर्या | चर्या | pos=n,g=m,c=1,n=p |
जगति | जगन्त् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
मताः | मन् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
कस्य | क | pos=n,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
अभ्यर्च् | अभ्यर्च् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=krtya |