शतकत्रयम् — 1.67
Original
Segmented
संतप्त-अयसि संस्थितस्य पयसो नाम अपि न ज्ञायते मुक्त-आकार-तया तद् एव नलिनी-पत्त्र-स्थितम् राजते स्वात्याम् सागर-शुक्ति-मध्य-पतितम् तत् मौक्तिकम् जायते प्रायेण अधम-मध्यम-उत्तम-गुणः संसर्गतो जायते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संतप्त | संतप् | pos=va,comp=y,f=part |
अयसि | अयस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
संस्थितस्य | संस्था | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=part |
पयसो | पयस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
नाम | नामन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
ज्ञायते | ज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मुक्त | मुच् | pos=va,comp=y,f=part |
आकार | आकार | pos=n,comp=y |
तया | ता | pos=n,g=f,c=3,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
नलिनी | नलिनी | pos=n,comp=y |
पत्त्र | पत्त्र | pos=n,comp=y |
स्थितम् | स्था | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
राजते | राज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स्वात्याम् | स्वाति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
सागर | सागर | pos=n,comp=y |
शुक्ति | शुक्ति | pos=n,comp=y |
मध्य | मध्य | pos=n,comp=y |
पतितम् | पत् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मौक्तिकम् | मौक्तिक | pos=n,g=n,c=1,n=s |
जायते | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
प्रायेण | प्रायेण | pos=i |
अधम | अधम | pos=a,comp=y |
मध्यम | मध्यम | pos=a,comp=y |
उत्तम | उत्तम | pos=a,comp=y |
गुणः | गुण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संसर्गतो | संसर्ग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
जायते | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |