शतकत्रयम् — 1.6
Original
Segmented
व्यालम् बाल-मृणाल-तन्तुभिः असौ रोद्धुम् समुज्जृम्भते छेत्तुम् वज्र-मणिम् शिरीष-कुसुम-प्रान्तेन संनह्यति माधुर्यम् मधु-बिन्दुना रचयितुम् क्षारामुधेः ईहते नेतुम् वाञ्छति यः खलान् पथि सताम् सुधा-स्यन्दिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
व्यालम् | व्याल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
बाल | बाल | pos=n,comp=y |
मृणाल | मृणाल | pos=n,comp=y |
तन्तुभिः | तन्तु | pos=n,g=m,c=3,n=p |
असौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रोद्धुम् | रुध् | pos=vi |
समुज्जृम्भते | समुज्जृम्भ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
छेत्तुम् | छिद् | pos=vi |
वज्र | वज्र | pos=n,comp=y |
मणिम् | मणि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शिरीष | शिरीष | pos=n,comp=y |
कुसुम | कुसुम | pos=n,comp=y |
प्रान्तेन | प्रान्त | pos=n,g=m,c=3,n=s |
संनह्यति | संनह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
माधुर्यम् | माधुर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मधु | मधु | pos=n,comp=y |
बिन्दुना | बिन्दु | pos=n,g=m,c=3,n=s |
रचयितुम् | रचय् | pos=vi |
क्षारामुधेः | ईह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ईहते | नी | pos=vi |
नेतुम् | वाञ्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वाञ्छति | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यः | खल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
खलान् | पथिन् | pos=n,g=,c=7,n=s |
पथि | सत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
सताम् | सूक्त | pos=n,g=n,c=3,n=p |
सुधा | सुधा | pos=n,comp=y |
स्यन्दिन् | स्यन्दिन् | pos=a,g=n,c=3,n=p |