शतकत्रयम् — 1.5
Original
Segmented
लभेत सिकतासु तैलम् अपि यत्नतः पीडयन् पिबेत् च मृगतृष्णिकासु सलिलम् पिपासा-अर्दितः क्वचिद् अपि पर्यटन् शशविषाणम् आसादयेत् न तु प्रतिनिविष्ट-मूर्ख-चित्तम् आराधयेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
लभेत | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सिकतासु | सिकता | pos=n,g=f,c=7,n=p |
तैलम् | तैल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
यत्नतः | यत्न | pos=n,g=m,c=5,n=s |
पीडयन् | पीडय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पिबेत् | पा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
च | च | pos=i |
मृगतृष्णिकासु | मृगतृष्णिका | pos=n,g=f,c=7,n=p |
सलिलम् | सलिल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पिपासा | पिपासा | pos=n,comp=y |
अर्दितः | अर्दय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
क्वचिद् | क्वचिद् | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
पर्यटन् | पर्यट् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शशविषाणम् | शशविषाण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आसादयेत् | आसादय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
तु | तु | pos=i |
प्रतिनिविष्ट | प्रतिनिविष्ट | pos=a,comp=y |
मूर्ख | मूर्ख | pos=a,comp=y |
चित्तम् | चित्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आराधयेत् | आराधय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |