शतकत्रयम् — 1.45
Original
Segmented
परिक्षीणः कश्चित् स्पृहयति यवानाम् प्रसृतये स पश्चात् सम्पूर्णः कलयति धरित्रीम् तृण-समाम् अतः च अन् ऐकान्त्यात् गुरु-लघु-तया ऽर्थेषु धनिनाम् अवस्था वस्तूनि प्रथयति च संकोचयति च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
परिक्षीणः | परिक्षि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
कश्चित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्पृहयति | स्पृहय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यवानाम् | यव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
प्रसृतये | प्रसृति | pos=n,g=f,c=4,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पश्चात् | पश्चात् | pos=i |
सम्पूर्णः | सम्पृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
कलयति | कलय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
धरित्रीम् | धरित्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तृण | तृण | pos=n,comp=y |
समाम् | सम | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अतः | अतस् | pos=i |
च | च | pos=i |
अन् | अन् | pos=i |
ऐकान्त्यात् | ऐकान्त्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
गुरु | गुरु | pos=a,comp=y |
लघु | लघु | pos=a,comp=y |
तया | ता | pos=n,g=f,c=3,n=s |
ऽर्थेषु | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
धनिनाम् | धनिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
अवस्था | अवस्था | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वस्तूनि | वस्तु | pos=n,g=n,c=2,n=p |
प्रथयति | प्रथय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
संकोचयति | संकोचय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |