शतकत्रयम् — 1.3
Original
Segmented
अज्ञः सुखम् आराध्यः सुखतरम् आराध्यते विशेष-ज्ञः ज्ञान-लव-दुर्विदग्धम् ब्रह्म अपि तम् नरम् न रञ्जयति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अज्ञः | अज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सुखम् | सुखम् | pos=i |
आराध्यः | आराधय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
सुखतरम् | सुखतर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आराध्यते | आराधय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विशेष | विशेष | pos=n,comp=y |
ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ज्ञान | ज्ञान | pos=n,comp=y |
लव | लव | pos=n,comp=y |
दुर्विदग्धम् | दुर्विदग्ध | pos=a,g=n,c=1,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
नरम् | नर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
रञ्जयति | रञ्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |