शतकत्रयम् — 1.15
Original
Segmented
शास्त्र-उपस्कृ-शब्द-सुन्दर-गिरः शिष्य-प्रदा-आगमाः विख्याताः कवयो वसन्ति विषये यस्य प्रभोः निर्धनाः तद्-जाड्यम् वसुधाधिपस्य कवयस् तु अर्थम् विना अपि ईश्वराः कुत्स्याः स्युः कु परीक्षकाः हि मणयो यैः अर्घतः पातिताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शास्त्र | शास्त्र | pos=n,comp=y |
उपस्कृ | उपस्कृ | pos=va,comp=y,f=part |
शब्द | शब्द | pos=n,comp=y |
सुन्दर | सुन्दर | pos=a,comp=y |
गिरः | गिर् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शिष्य | शिष्य | pos=n,comp=y |
प्रदा | प्रदा | pos=va,comp=y,f=krtya |
आगमाः | आगम | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विख्याताः | विख्या | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
कवयो | कवि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वसन्ति | वस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
विषये | विषय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रभोः | प्रभु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
निर्धनाः | निर्धन | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
जाड्यम् | जाड्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वसुधाधिपस्य | वसुधाधिप | pos=n,g=m,c=6,n=s |
कवयस् | कवि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तु | तु | pos=i |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विना | विना | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
ईश्वराः | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कुत्स्याः | कुत्सय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=krtya |
स्युः | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
कु | कु | pos=i |
परीक्षकाः | परीक्षक | pos=a,g=m,c=1,n=p |
हि | हि | pos=i |
मणयो | मणि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
यैः | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अर्घतः | अर्घ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
पातिताः | पातय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |