शतकत्रयम् — 1.108
Original
Segmented
वह्निस् तस्य जलायते जलनिधिः कुल्यायते तद्-क्षणात् मेरुः स्वल्पशिलायते मृगपतिः सद्यः कुरङ्गायते व्यालो माल्यगुणायते विष-रसः पीयूषवर्षायते यस्य अङ्गे अखिल-लोक-वल्लभतमम् शीलम् समुन्मीलति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वह्निस् | वह्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
जलायते | जलाय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जलनिधिः | जलनिधि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कुल्यायते | कुल्याय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
क्षणात् | क्षण | pos=n,g=m,c=5,n=s |
मेरुः | मेरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्वल्पशिलायते | स्वल्पशिलाय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मृगपतिः | मृगपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सद्यः | सद्यस् | pos=i |
कुरङ्गायते | कुरङ्गाय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
व्यालो | व्याल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
माल्यगुणायते | माल्यगुणाय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विष | विष | pos=n,comp=y |
रसः | रस | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पीयूषवर्षायते | पीयूषवर्षाय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अङ्गे | अङ्ग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
अखिल | अखिल | pos=a,comp=y |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
वल्लभतमम् | वल्लभतम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
शीलम् | शील | pos=n,g=n,c=1,n=s |
समुन्मीलति | समुन्मील् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |