शतकत्रयम् — 1.101
Original
Segmented
मज्जत्व् अम्भसि यातु मेरु-शिखरम् शत्रुम् जयतु आहवे वाणिज्यम् कृषि-सेवने च सकला विद्याः कलाः शिक्षताम् आकाशम् विपुलम् प्रयातु खग-वत् कृत्वा प्रयत्नम् परम् न अ भवितव्यम् भवति इह कर्म-वशात् भाव्यस्य नाशः कुतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मज्जत्व् | मज्ज् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
अम्भसि | अम्भस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यातु | या | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
मेरु | मेरु | pos=n,comp=y |
शिखरम् | शिखर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शत्रुम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जयतु | जि | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
आहवे | आहव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वाणिज्यम् | वाणिज्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कृषि | कृषि | pos=n,comp=y |
सेवने | सेवन | pos=n,g=n,c=2,n=d |
च | च | pos=i |
सकला | सकल | pos=a,g=f,c=2,n=p |
विद्याः | विद्या | pos=n,g=f,c=2,n=p |
कलाः | कला | pos=n,g=f,c=2,n=p |
शिक्षताम् | शिक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
आकाशम् | आकाश | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विपुलम् | विपुल | pos=a,g=n,c=2,n=s |
प्रयातु | प्रया | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
खग | खग | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
प्रयत्नम् | प्रयत्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
परम् | पर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अ | अ | pos=i |
भवितव्यम् | भू | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इह | इह | pos=i |
कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
वशात् | वश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
भाव्यस्य | भू | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=krtya |
नाशः | नाश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कुतः | कुतस् | pos=i |