Original

स जगाद ततश् चिकीषितम् घननिश्वासगृहीतम् अन्तरा ।श्रुतवाग्विशदाय भिक्षवे विदुषा प्रव्रजितेन दुर्वचम् ॥ ९ ॥

Segmented

स जगाद ततस् चिकीर्षितम् घन-निश्वास-गृहीतम् अन्तरा श्रुत-वाच्-विशदाय भिक्षवे विदुषा प्रव्रजितेन दुर्वचम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
जगाद गद् pos=v,p=3,n=s,l=lit
ततस् ततस् pos=i
चिकीर्षितम् चिकीर्षित pos=n,g=n,c=2,n=s
घन घन pos=a,comp=y
निश्वास निश्वास pos=n,comp=y
गृहीतम् ग्रह् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
अन्तरा अन्तरा pos=i
श्रुत श्रु pos=va,comp=y,f=part
वाच् वाच् pos=n,comp=y
विशदाय विशद pos=a,g=m,c=4,n=s
भिक्षवे भिक्षु pos=n,g=m,c=4,n=s
विदुषा विद् pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part
प्रव्रजितेन प्रव्रजित pos=n,g=m,c=3,n=s
दुर्वचम् दुर्वच pos=a,g=n,c=2,n=s