Original

प्रमद्वरायां च रुरुः प्रियायां भुजङ्गमेनापहृतेन्द्रियायाम् ।संदृश्य संदृश्य जघान सर्पान् प्रियं न रोषेण तपो ररक्ष ॥ ३७ ॥

Segmented

प्रमद्वरायाम् च रुरुः प्रियायाम् भुजङ्गमेन अपहृत-इन्द्रियायाम् संदृश्य संदृश्य जघान सर्पान् प्रियम् न रोषेण तपो ररक्ष

Analysis

Word Lemma Parse
प्रमद्वरायाम् प्रमद्वरा pos=n,g=f,c=7,n=s
pos=i
रुरुः रुरु pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रियायाम् प्रिया pos=n,g=f,c=7,n=s
भुजङ्गमेन भुजंगम pos=n,g=m,c=3,n=s
अपहृत अपहृ pos=va,comp=y,f=part
इन्द्रियायाम् इन्द्रिय pos=n,g=f,c=7,n=s
संदृश्य संदृश् pos=vi
संदृश्य संदृश् pos=vi
जघान हन् pos=v,p=3,n=s,l=lit
सर्पान् सर्प pos=n,g=m,c=2,n=p
प्रियम् प्रिय pos=a,g=n,c=2,n=s
pos=i
रोषेण रोष pos=n,g=m,c=3,n=s
तपो तपस् pos=n,g=n,c=2,n=s
ररक्ष रक्ष् pos=v,p=3,n=s,l=lit