सौन्दरनन्दम् — 6.23
Original
Segmented
स तु त्वद्-अर्थम् गृह-वासम् ईप्सन् जिजीविषुः त्वद्-परितोष-हेतोः भ्रात्रा किल आर्येण तथागतेन प्रव्राजितो नेत्र-जल-आर्द्र-वक्त्रः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गृह | गृह | pos=n,comp=y |
वासम् | वास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ईप्सन् | ईप्स् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
जिजीविषुः | जिजीविषु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
परितोष | परितोष | pos=n,comp=y |
हेतोः | हेतु | pos=n,g=m,c=5,n=s |
भ्रात्रा | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
किल | किल | pos=i |
आर्येण | आर्य | pos=a,g=m,c=3,n=s |
तथागतेन | तथागत | pos=n,g=m,c=3,n=s |
प्रव्राजितो | प्रव्राजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
नेत्र | नेत्र | pos=n,comp=y |
जल | जल | pos=n,comp=y |
आर्द्र | आर्द्र | pos=a,comp=y |
वक्त्रः | वक्त्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |