सौन्दरनन्दम् — 5.47
Original
Segmented
बालस्य धात्री विनिगृह्य लोष्टम् यथा उद्धरति आस्य-पुट-प्रविष्टम् तथा उज्जिहीर्षुः खलु राग-शल्यम् तत् त्वाम् अवोचम् परुषम् हिताय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बालस्य | बाल | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धात्री | धात्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
विनिगृह्य | विनिग्रह् | pos=vi |
लोष्टम् | लोष्ट | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
उद्धरति | उद्धृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
आस्य | आस्य | pos=n,comp=y |
पुट | पुट | pos=n,comp=y |
प्रविष्टम् | प्रविश् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
तथा | तथा | pos=i |
उज्जिहीर्षुः | उज्जिहीर्षु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
खलु | खलु | pos=i |
राग | राग | pos=n,comp=y |
शल्यम् | शल्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अवोचम् | वच् | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
परुषम् | परुष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
हिताय | हित | pos=n,g=n,c=4,n=s |