Original

श्रुत्वा महर्षेः स गृहप्रवेशं सत्कारहीनं च पुनःप्रयाणम् ।चचाल चित्राभरणाम्बरस्रक् कल्पद्रुमो धूत इवानिलेन ॥ ३१ ॥

Segmented

श्रुत्वा महा-ऋषेः स गृह-प्रवेशम् सत्कार-हीनम् च पुनः प्रयाणम् चचाल चित्र-आभरण-अम्बर-स्रज्-कल्पद्रुमः धूत इव अनिलेन

Analysis

Word Lemma Parse
श्रुत्वा श्रु pos=vi
महा महत् pos=a,comp=y
ऋषेः ऋषि pos=n,g=m,c=6,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
गृह गृह pos=n,comp=y
प्रवेशम् प्रवेश pos=n,g=m,c=2,n=s
सत्कार सत्कार pos=n,comp=y
हीनम् हा pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
pos=i
पुनः पुनर् pos=i
प्रयाणम् प्रयाण pos=n,g=n,c=2,n=s
चचाल चल् pos=v,p=3,n=s,l=lit
चित्र चित्र pos=a,comp=y
आभरण आभरण pos=n,comp=y
अम्बर अम्बर pos=n,comp=y
स्रज् स्रज् pos=n,comp=y
कल्पद्रुमः कल्पद्रुम pos=n,g=m,c=1,n=s
धूत धू pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
इव इव pos=i
अनिलेन अनिल pos=n,g=m,c=3,n=s