सौन्दरनन्दम् — 4.25
Original
Segmented
अवाङ्मुखो निष्प्रणयः च तस्थौ भ्रातुः गृहे ऽन्यस्य गृहे यथा एव तस्मात् अथो प्रेष्य-जन-प्रमादात् भिक्षाम् अ लब्ध्वा एव पुनः जगाम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अवाङ्मुखो | अवाङ्मुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
निष्प्रणयः | निष्प्रणय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
तस्थौ | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भ्रातुः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
गृहे | गृह | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽन्यस्य | अन्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
गृहे | गृह | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
एव | एव | pos=i |
तस्मात् | तद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
अथो | अथो | pos=i |
प्रेष्य | प्रेष्य | pos=n,comp=y |
जन | जन | pos=n,comp=y |
प्रमादात् | प्रमाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
भिक्षाम् | भिक्षा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अ | अ | pos=i |
लब्ध्वा | लभ् | pos=vi |
एव | एव | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
जगाम | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |