Original

इति मुदितम् अनामयं निरापत् कुरुरघुपुरुपुरोपमं पुरं तत् ।अभवद् अभयदैशिके महर्षौ विहरति तत्र शिवाय वीतरागे ॥ ४२ ॥

Segmented

इति मुदितम् अनामयम् निरापत् कुरु-रघु-पूरु-पुर-उपमम् पुरम् तत् अभवत् अभय-दैशिके महा-ऋषौ विहरति तत्र शिवाय वीत-रागे

Analysis

Word Lemma Parse
इति इति pos=i
मुदितम् मुद् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
अनामयम् अनामय pos=a,g=n,c=1,n=s
निरापत् निरापद् pos=a,g=n,c=1,n=s
कुरु कुरु pos=n,comp=y
रघु रघु pos=n,comp=y
पूरु पूरु pos=n,comp=y
पुर पुर pos=n,comp=y
उपमम् उपम pos=a,g=n,c=1,n=s
पुरम् पुर pos=n,g=n,c=1,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
अभवत् भू pos=v,p=3,n=s,l=lan
अभय अभय pos=n,comp=y
दैशिके दैशिक pos=a,g=m,c=7,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
ऋषौ ऋषि pos=n,g=m,c=7,n=s
विहरति विहृ pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
तत्र तत्र pos=i
शिवाय शिव pos=n,g=n,c=4,n=s
वीत वी pos=va,comp=y,f=part
रागे राग pos=n,g=m,c=7,n=s