Original

तपसे ततः कपिलवास्तु हयगरथौघसंकुलम् ।श्रीमद् अभयम् अनुरक्तजनं स विहाय विश्चितमना वनं ययौ ॥ १ ॥

Segmented

तपसे ततः कपिलवास्तु हय-गज-रथ-ओघ-संकुलम् श्रीमत् अभयम् अनुरक्त-जनम् स विहाय निश्चित-मनाः वनम् ययौ

Analysis

Word Lemma Parse
तपसे तपस् pos=n,g=n,c=4,n=s
ततः ततस् pos=i
कपिलवास्तु कपिलवास्तु pos=n,g=n,c=2,n=s
हय हय pos=n,comp=y
गज गज pos=n,comp=y
रथ रथ pos=n,comp=y
ओघ ओघ pos=n,comp=y
संकुलम् संकुल pos=a,g=n,c=2,n=s
श्रीमत् श्रीमत् pos=a,g=n,c=2,n=s
अभयम् अभय pos=a,g=n,c=2,n=s
अनुरक्त अनुरञ्ज् pos=va,comp=y,f=part
जनम् जन pos=n,g=n,c=2,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
विहाय विहा pos=vi
निश्चित निश्चि pos=va,comp=y,f=part
मनाः मनस् pos=n,g=m,c=1,n=s
वनम् वन pos=n,g=n,c=2,n=s
ययौ या pos=v,p=3,n=s,l=lit