Original

सूर्यरश्मिभिर् अक्लिष्टं पुष्पवर्षं पपात खात् ।दिग्वारणकराधूताद् वनाच् चैत्ररथाद् इव ॥ ५३ ॥

Segmented

सूर्य-रश्मिभिः अक्लिष्टम् पुष्प-वर्षम् पपात खात् दिग्वारण-कर-आधूतात् वनात् चैत्ररथात् इव

Analysis

Word Lemma Parse
सूर्य सूर्य pos=n,comp=y
रश्मिभिः रश्मि pos=n,g=m,c=3,n=p
अक्लिष्टम् अक्लिष्ट pos=a,g=n,c=1,n=s
पुष्प पुष्प pos=n,comp=y
वर्षम् वर्ष pos=n,g=n,c=1,n=s
पपात पत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
खात् pos=n,g=n,c=5,n=s
दिग्वारण दिग्वारण pos=n,comp=y
कर कर pos=n,comp=y
आधूतात् आधू pos=va,g=n,c=5,n=s,f=part
वनात् वन pos=n,g=n,c=5,n=s
चैत्ररथात् चैत्ररथ pos=n,g=n,c=5,n=s
इव इव pos=i