सौन्दरनन्दम् — 18.64
Original
Segmented
प्रायेण आलोक्य लोकम् विषय-रति-परम् मोक्षात् प्रतिहतम् काव्य-व्याजेन तत्त्वम् कथितम् इह मया मोक्षः परम् इति तत् बुद्ध्वा शामिकम् यत् तत् अवहितम् इतस् ग्राह्यम् न ललितम् पांसुभ्यो धातु-जेभ्यः नियतम् उपकरम् चामीकरम् इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रायेण | प्रायेण | pos=i |
आलोक्य | आलोकय् | pos=vi |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विषय | विषय | pos=n,comp=y |
रति | रति | pos=n,comp=y |
परम् | पर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मोक्षात् | मोक्ष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
प्रतिहतम् | प्रतिहन् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
काव्य | काव्य | pos=n,comp=y |
व्याजेन | व्याज | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तत्त्वम् | तत्त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कथितम् | कथय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
इह | इह | pos=i |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
मोक्षः | मोक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
परम् | परम् | pos=i |
इति | इति | pos=i |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
बुद्ध्वा | बुध् | pos=vi |
शामिकम् | शामिक | pos=a,g=n,c=2,n=s |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अवहितम् | अवधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
इतस् | इतस् | pos=i |
ग्राह्यम् | ग्रह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
न | न | pos=i |
ललितम् | लल् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
पांसुभ्यो | पांसु | pos=n,g=m,c=5,n=p |
धातु | धातु | pos=n,comp=y |
जेभ्यः | ज | pos=a,g=m,c=5,n=p |
नियतम् | नियतम् | pos=i |
उपकरम् | उपकर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
चामीकरम् | चामीकर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |